20 साल से जहरीला हो रहा रति खड्ड का पानी, गांव में महामारी का खतरा सैकड़ों ग्रामीणों का विरोध, प्रशासन से कार्रवाई की मांग

नेरचौक इंडस्ट्री एरिया की फैक्ट्रियों से निकलने वाले गंदे पानी ने रति पंचायत के गांवों में लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। रति पंचायत के प्रधान दीक्षित नारंग की अगुवाई में सैकड़ों ग्रामीणों ने शनिवार को रति खड्ड का निरीक्षण किया और प्रशासन को चेताया कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो बड़ा आंदोलन होगा।

स्थानीय निवासी नरेंद्र कुमार, जगदीश, कपिल, हेम सिंह, सुनील, नागराज, सौरभ, सुभाष, भाग सिंह, राजू, नर्मदा, कांता देवी और नीलम ने बताया कि बीते 20 वर्षों से इंडस्ट्री एरिया की फैक्ट्रियां रति खड्ड में केमिकल युक्त पानी छोड़ रही हैं। अब हालात इतने खराब हो चुके हैं कि आसपास के हैंडपंप और कुओं का पानी भी दूषित हो चुका है। गांव में बदबू और मछलियों की मौत ने लोगों को चिंता में डाल दिया है।

आईपीएच विभाग ने नदी का प्रवाह रोका, और बिगड़े हालात
आईपीएच विभाग द्वारा अपनी परियोजना के लिए खड्ड के पानी का प्रवाह रोकने से स्थिति और बिगड़ गई है। इससे खड्ड में पानी की मात्रा कम हो गई है, जिससे गंदगी जम गई है और बदबू और भी तेज हो गई है।

प्रशासनिक उदासीनता पर भड़के लोग
प्रधान दीक्षित नारंग ने बताया कि इस गंभीर समस्या की कई बार शिकायत की गई, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। “लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं, महामारी फैलने का डर बना हुआ है,” उन्होंने कहा।

कसारला पंचायत ने भी उठाई आवाज
कसारला पंचायत के प्रधान संतराम ने भी बताया कि रति खड्ड का पानी सुकेती खड्ड और फिर व्यास नदी में मिल जाता है, जिससे हजारों लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। उन्होंने फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

प्रशासन ने दिलाया कार्रवाई का भरोसा
नगर परिषद नेरचौक के ईओ ललित कुमार ने बताया कि मामला अब उनके संज्ञान में आया है और जल्द ही औद्योगिक विभाग से बैठक कर कार्रवाई की जाएगी। नगर परिषद अध्यक्ष नर्मदा अभिलाषी ने कहा कि फैक्ट्री मालिकों को अपनी सीवरेज व्यवस्था खुद करनी होगी। आईपीएच अधिकारी संदीप चौधरी ने भी मौके पर निरीक्षण करने की बात कही।

वार्ड मेंबर की गुहार
वार्ड सदस्य नीलम, राजकुमारी, हेमा, कुंती देवी और नर्मदा ने प्रशासन से मांग की है कि उनके कुओं का पानी अब पीने लायक नहीं रहा, और उन्हें पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है। उन्होंने प्रशासन से तुरंत समाधान की मांग की है।

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