गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में की तोड़फोड़   मृतका के पति और देवर को पुलिस ने किया डिटेन, बाद में छोड़ा 

 शहर के एक निजी अस्पताल में शुक्रवार को डिलीवरी के दौरान हुई 27 बर्षीय विवाहिता प्रेमलता की मौत के दूसरे दिन भी गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में हंगामा और तोड़फोड़ की। उन्होंने अस्पताल के दरवाज़े में लगे कांच तोड़ दिए। जिससे कुछ देर के लिए माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया। शनिवार सुबह भी मृतका के परिजन और सगे संबंधी डिलीवरी करवाने वाले डॉक्टर को उनके सामने लाने की बात पर अड़े रहे। जिस वजह से पुलिस को लॉ एंड आर्डर मैंटेन करवाने के चलते थोड़ा सख्त रुख अख्तियार करना पड़ा। परिजनों ने अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर पर भी ताला लगा दिया था। जिसे शनिवार को पुलिस ने खुलवाया। शनिवार सुबह सदर पुलिस ने मृतका के पति और देवर को अस्पताल में तोड़फोड़ करने और शांति भंग करने के चलते डिटेन कर लिया, परन्तु शव का पोस्टमार्टम करवाते समय उन्हें छोड़ दिया। परिजनों ने घटना के दिन शुक्रवार को शव का पोस्टमार्टम नहीं होने दिया था, जिस कारण शव का पोस्टमार्टम शनिवार को मैडीकल कालेज के मोरचुरी में पुलिस पहरे में करवाकर उसे परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। जानकारी मिली है कि नवजात बिल्कुल ठीक है।

शनिवार को भी उसके परिजन और अन्य लोग पुलिस के खिलाफ मिलिभगत के आरोप लगाते रहे और काफी देर हंगामा करते रहे। हालांकि पुलिस ने इस मामले को काफी शांतिप्रिय ढंग और सूझबूझ से सुलझाने का प्रयास किया।

शव के पोस्टमार्टम के समय भी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। बड़सर थाना से भी अतिरिक्त पुलिस टीम मौके पर तैनात की गईं थीं।

 

 

वहीं इस सारे मामले को लेकर निजी अस्पताल प्रशासन ने सार्वजनिक बयान में कहा है कि मरीज को बचाने के लिए सी.पी.आर.दी गई थी। लेकिन नाजुक हालत के कारण उसे बचाया नहीं जा सका। जो भी आरोप परिजनों ने लगाए हैं वह निराधार है। इस जांच में पुलिस प्रशासन का भी पूरा सहयोग किया जा रहा है।

 

इसके बारे में एस. एच. ओ. सदर यादेश कुमार ठाकुर ने बताया कि मृतका के पति और भाई को तोड़फोड़ करने की शिकायत पर डिटेन किया गया था, परन्तु उन्हें बाद में रिहा कर दिया। उन्होंने बताया कि शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है

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