चम्बा के भरमौर में चल रही मणिमहेश यात्रा में फंसे यात्री, चंबा से भरमौर जाने वाली सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त। 

अजीत सिंह (डलहौजी) 

 

मणिमहेश और भरमौर से आए दिल दहला देने वाले वीडियो

कई किलोमीटर पैदल चलकर और पहाड़ पर चढ़ाई कर लौट रहे श्रद्धालुओं ने सुनाई आपबीती।

संचार व्यवस्था ठप्प होने से अभी भी ज्यादातर यात्रियों का कोई अता पता नहीं,उनके परिजन परेशान।

आध्यात्मिक यात्रा बनी दर्दनाक यात्रा

 

लगातार हो रही बारिश ने चंबा जिला में भी खूब कहर बरपाया है। इन दिनों चंबा के भरमौर में मणिमहेश कैलाश यात्रा जिसे अमरनाथ यात्रा के बराबर दर्जा दिया जाता है , जो जन्माष्टमी से शुरू हुई थी और राधा अष्टमी तक चलने थी ,लेकिन आपदा के कारण प्रशासन ने इस पर रोक लगा दी है। इस यात्रा में पूरे देश से लाखों श्रद्धालु आते है। समुद्रतल से लगभग 14500 फीट की ऊंचाई पर स्थित मणिमहेश यात्रा सुचारू रूप से चल रही थी लेकिन मौसम की मार से जगह जगह लैंडस्लाइड होने और भारी बारिश के चलते इसे रोकना पड़ा। हालात ऐसे बने है कि चंबा से भरमौर तक के 62 किलोमीटर में ज्यादातर जगह सड़क का नामोनिशान मिट चुका है। वहीं भरमौर से आगे 13 किलोमीटर हडसर तक की सड़क का भी बुरा हाल है । हडसर से आगे ही 13 किलोमीटर की मणिमहेश के लिए दुर्गम यात्रा शुरू होती है। इस यात्रा पर आए हजारों श्रद्धालुओं से उनके परिजनों का संपर्क नहीं हो पा रहा है जिसके कारण उनके परिजन परेशान हैं हालांकि प्रशासन ने सुरक्षित लोगों की एक लिस्ट जारी की है लेकिन अभी भी ज्यादातर लोगों का कोई अता पता नहीं है। ऐसा बताया जा रहा है कि कई लोग मणिमहेश के गौरीकुंड, सुन्दरासी,हडसर और भरमौर में फंसे है। हालात यह है कि कई कई किलोमीटर पैदल चल कर ,पहाड़ लांघ कर लोग चंबा तक पहुंच रहे है। उनके अनुसार ऐसा मंजर उन्होंने कभी नहीं देखा।

मणिमहेश से पैदल वापिस पहुंचे विभिन्न राज्यों से आए लोगों ने बताया कि भरमौर की सभी सड़के टूट चुकी है। और वह कई किलोमीटर तक पैदल चल कर चंबा पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि मणिमहेश के रास्ते पूरी तरह से नष्ट हो गये है और बारिश में बड़ी तबाही हुई है।