विश्वास की कीमत एक बार फिर एक बुजुर्ग और उनके परिवार को लाखों रुपये में चुकानी पड़ी है। ग्राम भरेड़ी में एक ऐसा मामला सामने आया है जहाँ एक देखभालकर्ता ने अपने ही बुजुर्ग की सेवा के दायित्व को ताक पर रखकर उसे ही लूटने का काम किया। यह घटना साइबर धोखाधड़ी और पारंपरिक चोरी के खतरनाक मेल को उजागर करती है।
ग्राम भरेड़ी निवासी सुशील कुमार ने अपने वृद्ध पिता की देखभाल के लिए विक्रम कुमार नामक एक व्यक्ति को नियुक्त किया था। परिवार का विश्वास जीतने के बाद विक्रम ने शातिराना चाल चली। उसने बुजुर्ग के मोबाइल फोन और बैंक खातों तक अपनी पहुँच का गलत फायदा उठाया।
पुलिस जाँच में पता चला है कि विक्रम ने गूगल पे के जरिए बुजुर्ग के खाते से लगभग एक लाख उनसठ हजार दो रुपये (₹1,59,002) की गैर-कानूनी लेनदेन की। इसके साथ ही, उसने बुजुर्ग की एक बहुमूल्य अंगूठी भी चुरा ली। इस पूरे घोटाले का पता तब चला जब परिवार को खाते में गड़बड़ी का आभास हुआ और तब तक विक्रम कुमार फरार हो चुका है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, भोरंज थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस मामले में अभियोग दर्ज किया है। शिकायतकर्ता सुशील कुमार की तहरीर पर अभियोग संख्या 135/2025 दर्ज की गई है। अपराध की प्रारंभिक जाँच में भारतीय न्याय संहिता की धारा 305 और 318(4) के तहत मामला अधीन पाया गया है।
यह घटना उन परिवारों के लिए एक चेतावनी है जो बुजुर्ग सदस्यों की देखभाल के लिए बाहरी लोगों पर निर्भर हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अपने बुजुर्गों के बैंकिंग और डिजिटल लेनदेन पर नज़र रखें और किसी भी अज्ञात व्यक्ति पर अंधाधुंध विश्वास न करें। फरार आरोपी विक्रम कुमार की तलाश जारी है। पुलिस का मानना है कि जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
