जिला हमीरपुर के शहर समेत अन्य कुछ संस्थनों सौर एड एजेंसियों की (मसूरी) करने की ऐसी होड़ मची है कि संस्थान कुछ शिक्षा संस्थान के संचालक और उनके कर्मचारी सरकारी सम्पति समेत सरकारी दफ्तरों के परिसरों को भी निशाना बनाने से गुरेज नहीं कर रहे। ऐसे संचालक या तो जानकारी के आभाव के कारण ऐसा कर रहे हैं या तो फिर उन्हें पुलिस कार्रवाई का कोई ख़ौफ़ नहीं है, परन्तु उनकी इस कार्यप्रणाली के कारण शहर भर की खूबसूरती पर ग्रहण लग रहा है। यहां तक कि सरकारी भवन और ऐतिहासिक धरोहरें भी सुरक्षित नहीं रही। किसी कम्पनी के कर्मचारियों ने हमीरपुर के प्राचीन और ऐतिहासिक तहसील परिसर की चारदीवारी पर पोस्टर चिपका डाले। जिस वजह से रविवार को तहसील परिसर तहसील कम दिखे और किसी ऐड एजेंसी का अखाडा ज्यादा दिखती प्रतीत हुई।
इसके साथ ही सैनिक वेलफेयर दफ्तर समेत शहर भर के कई अन्य सरकारी भवनो पर भी ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं। जिनसे सरकारी परिसर कुरूप दिख रहे है हैरानी इस बात की है कि इस तहसील भवन के बिलकुल साथ सदर थाना भी स्थित है, जहां पुलिसकर्मी दिन रात ड्यूटी प्रदान करते हैं, उनकी मौजूदगी के बाबजूद ये पोस्टर चिपकाए गए हैं। प्रश्न यह उठता है कि क्या तहसील परिसर में पोस्टर चिपकाने वाले लोगों को पुलिस की कार्रवाई का भी खौफ नहीं था।
इसके बारे में हमीरपुर तहसीलदार सुभाष चंद ने बताया कि मीडियाकर्मियों के माध्यम से उन्हें तहसील परिसर की चारदिवारी पर पोस्टर चिपकाने की घटना बारे ज्ञात हुआ था। उन्होंने बताया कि तहसील भवन समेत सरकारी क्षेत्र के सभी कार्यलयों में पोस्टर चिपकाना गैरकानूनी है। इसके बारे में कड़ा संज्ञान लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में उन्होंने सदर थाना पुलिस को सूचित किया है। ऐसी कार्यप्रणाली बर्दास्त नहीं की जाएगी।
एस.पी. हमीरपुर भगत सिंह ठाकुर ने बताया कि पुलिस को इस संदर्भ में शिकायत प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा और नियमानुसार सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
