Mid Day Meal Workers Union announces strike, what is the big allegation against the government?

मिड डे मील वर्कर्स यूनियन की हड़ताल का ऐलान, क्या है सरकार के खिलाफ बड़ा आरोप?

मिड डे मील वर्कर्स यूनियन (सीटू) की जिला कमेटी की बैठक पवनलता की अध्यक्षता में कामरेड तारा चंद भवन, मंडी में आयोजित की गई, जिसमें एमडीएम यूनियन के राज्य प्रधान इंदरसिंह भी उपस्थित रहे। इस बैठक में कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई और बीस मई, 2025 को हड़ताल करने का निर्णय लिया गया।

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कर्मचारियों को दिए जाने वाले मानदेय में असमानता है, क्योंकि यह तीन या चार महीने बाद मिलता है और वह भी जिले और खंडों में अलग-अलग तरीके से दिया जा रहा है। इसके अलावा, एमडीएम वर्कर्स को छुट्टियों का कोई अधिकार नहीं है, और उन्हें आंगनवाड़ी वर्कर्स की तरह छुट्टियां दिए जाने की मांग उठाई गई।

बैठक में यह भी मुद्दा उठा कि जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या कम हो रही है, वहां एमडीएम वर्कर्स की छंटनी की जा रही है, जबकि वे 20 वर्षों से इस योजना में कार्यरत हैं। इसके अलावा, केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों को खत्म कर चार नए लेबर कोड जारी करने के फैसले पर भी नाराजगी जताई गई, जिसे मजदूर विरोधी बताया गया।

एमडीएम वर्कर्स ने अपनी समस्याओं के समाधान के लिए 20 मई को हड़ताल का ऐलान किया और 29 मई को जिला सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया, जिसमें लगभग सौ प्रतिनिधि भाग लेंगे।

बैठक में दूनी चंद, चुनीलाल, भीष्म ब्यासा, संतोष रीनादेवी, बक्शीराम, अनीता, डिमेश्वरी, कौशल्या देवी, ललिता, हंसा शर्मा, ममता और राजनीठाकुर सहित कई अन्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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