ब्रेकिंग न्यूज पूरे प्रदेश में ठप हो सकती है एंबुलेंस सेवाएं, कर्मचारियों ने दी चेतावनी

शिमला  : एंबुलेंस सेवा 108 एवं 102 के पूरे प्रदेश के कर्मचारी अपने साथ हो रहे शोषण के खिलाफ बीती 11 मई से पेन डाउन स्ट्राइक पर चले गए हैं। *वहीं इन कर्मचारियों ने अब जल्द मांगें पूरी न होने पर प्रदेशभर में एंबुलेंस सेवाएं बंद करने की भी चेतावनी दे दी है। इन कर्मचारियों का कहना है कि वह 11700 रुपए में नौकरी कर रहे हैं, जिससे परिवार का गुजर-बसर करना बहुत मुश्किल हो रहा है। वह लंबे समय से मिनिमम वेज की मांग कर रहे हैं*। कोर्ट से केस जीतने के बाद भी मेडसवान कंपनी उन्हें मिनिमम वेज नहीं दे रही है। वहीं कंपनी ने कुछ कर्मचारियों को भी नौकरी से निकाल दिया है, जबकि एमडी एनएचएम ने कंपनी को आदेश दिए थे कि इन सभी कर्मचारियों को वापिस नौकरी पर रखा जाए। लेकिन कंपनी ने इन आदेशों की अवहेलना की। कंपनी अपनी तानाशाही पर उतर आई है और अब कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रही है। 

कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष सुनील कुमार और महासचिव बालक राम शर्मा की अध्यक्षता में निर्णय लिया गया है कि जब तक कंपनी उनकी मांगों को नहीं मानती, तब तक पेन डाउन स्ट्राइक जारी रहेगी। इनका कहना है कि आज तक कंपनी ने उनके वेतन में एक रुपए की वृद्धि नहीं की है। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी कोर्ट के आदेश भी नहीं मान रही है, जबकि कोर्ट ने आदेश दिए थे कि जब तक कोर्ट से क्लियर नहीं होता, सभी कर्मचारियों को 15 हजार रुपए कैश इन हैंड दिया जाए। इसके अलावा कर्मचारी मिनिमम वेज वाला केस भी जीत चुके हैं, लेकिन एनएचएम और कंपनी कोर्ट के इन आदेशों को भी नहीं मान रहे हैं। वहीं कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी के अधिकारी (एसीओ) कर्मचारियों से पीसीआर जबरदस्ती छीनकर केस क्लोज करवाने की कोशिश कर रहे हैं। महिला कर्मचारी के साथ छेडख़ानी भी कर रहे हैं। यह सब कानून के खिलाफ है क्योंकि एसीओ केस क्लोज नहीं करवा सकता। अब इन कर्मचारियों ने फैसला लिया है कि यदि कंपनी और एनएचएम ने उनकी मांगों का समय रहते निपटारा नहीं किया तो पूरे प्रदेश में एंबुलेंस सेवा बंद कर दी जाएगी। इससे प्रदेश की जनता को होने वाली परेशानी के लिए एमडी एनएचएम और मेडसवान फाउंडेशन जिम्मेदार होंगे।

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