नेरचौक बाजार में विदेशी और नेपाली श्रद्धालुओं ने गीता व रामायण का किया प्रचार, युवाओं को बताया सनातन धर्म का महत्व

नेरचौक, पश्चिमी सभ्यता की ओर बढ़ते कदमों के बीच, विश्वभर के श्रद्धालु अब भारतीय सनातन संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इसका उदाहरण बुधवार को नेरचौक बाजार में देखने को मिला, जब स्पेन से आए मार्कोस हरे कृष्ण, हरे राधा का संकीर्तन करते हुए नेपाल के शिवकुमार, जानकी वल्लभ, तेजपाल, भक्त प्रहलाद और इंद्रमणि के साथ इस्कॉन के बैनर तले धर्म प्रचार में जुटे दिखे।

इन श्रद्धालुओं ने बाजार में घूम-घूमकर श्रीमद्भगवद् गीता का ज्ञान लोगों में बांटा और रामायण के प्रसंग सुनाकर धर्म के प्रति आस्था जगाने का प्रयास किया। वे लोगों को यह भी समझा रहे थे कि कैसे भारतीय सनातन धर्म केवल एक धार्मिक व्यवस्था नहीं, बल्कि एक जीवन पद्धति है, जो शांति, सहअस्तित्व और करुणा पर आधारित है।
उन्होंने विशेष रूप से युवाओं से आग्रह किया कि वे अपनी संस्कृति को पहचाने, समझें और अपनाएं। उनका कहना था कि जब हमारी युवा पीढ़ी पश्चिमी दिखावे के पीछे भाग रही है, तब पूरी दुनिया भारतीय संस्कृति से प्रेरित होकर इसे अपना रही है। कार्यक्रम के दौरान लोगों ने भक्तिभाव से सहभागिता निभाई और गीता की प्रतियां भी प्राप्त कीं।

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