तानाशाह बन बैठे एक्सियन के खिलाफ जब जिला परिषद सदस्य के साथ आए प्रतिनिधिमंडल ने मोर्चा खोला तो जिद छोड़ कर लेना पड़ा ज्ञापन और पुलिस व अन्य अफसरों की उपस्थिति में कार्यालय से तुरंत भाग खड़े हुए।
गड़ूही-भौरा-कस की बंद पड़ी सड़क को खुलवाने हेतु जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज के नेतृत्व में ज्ञापन देने आए दो पंचायतों के लोगों का ज्ञापन लेने से लोक निर्माण विभाग के जोगिंदर नगर मण्डल के अधिशाषी अभियंता द्वारा ज्ञापन लेने से इंकार करने तथा उन्हें मिलने के लिए पहले एसडीएम की अनुमति लाने का फरमान जारी करने के विरोध में पुलिस की उपस्थिति में जोरदार प्रदर्शन हुआ।
हिमाचल किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष तथा भराडू वार्ड से जिला परिषद सदस्य कुशाल ने बताया कि एक महीना पहले 16 मई 2025 को गड़ूही-भौरा-कस सड़क बारे संबन्धित गांवों के किसानों व अन्य लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल अधिशाषी अभियंता से मिला था तो उस दिन भी उन्होंने प्रतिनिधिमंडल पर धौंस जमानी शुरू की थी तथा कहने लगे कि किसी राजनीतिज्ञ से मिलो। लेकिन उनके इस रवैये के खिलाफ हमने उनको लताड़ लगाई तो अपने सुर बदलते हुए अधिशाषी अभियंता ने कहा कि इन सारी मांगों को आप अपने लेटर पैड पर लिख कर दे दो। अगली सुबह यानि 17 मई को मैंने उनको इस सड़क के मुद्दे पर दो पन्नों का एक पत्र अपने जिला परिषद के लेटर पैड पर लिख कर दिया तथा उनसे मांग की कि आप स्वयं मौके पर जा कर स्पॉट का निरक्षण कर लें। उसके बाद भी मैंने उनको दो-तीन बार इस बारे में बोला। एक महीना पूरा होने पर भी जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो आज फिर से दोनों पंचायतों के लोगों का प्रतिनिधिमंडल ने कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया और उसके बाद जब 3-4 लोग अधिशाषी अभियंता को ज्ञापन देने के लिए जाने लगे तो मुख्य गेट पर ही पुलिस ने हमें यह कहते हुए रोक दिया कि अधिशाषी अभियंता ने कहा है कि उन्हें मिलने गेट के अंदर तभी आ सकते हैं यदि एसडीएम से इस संबंध में परमिशन लेटर साथ लाएँगे तो। पुलिस ने जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज को भी गेट के बाहर रोकने की कोशिश की तो कुशाल भारद्वाज ने कहा कि ये पब्लिक ऑफिस है और अधिशाषी अभियंता का व्यक्तिगत घर नहीं है।
इसके बाद जिला परिषद सदस्य ने कहा कि अब 4 लोग नहीं बल्कि सब लोग ज्ञापन देने अंदर जाएँगे और वे सब अंदर प्रवेश कर कार्यालय के बाहर कॉरीडोर में पहुँच गए। वहाँ दरवाजे पर मौजूद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने बताया कि अभी साहब की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक चल रही है। इसलिए हम सब बिना किसी नारे और शोर शराबे के बाहर फर्श पर बैठकर इंतजार करने लगे ताकि उनकी ऑनलाइन बैठक में कोई बाधा न पड़े। तब तक उक्त एक्सियन ने और भी पुलिस फोर्स कार्यालय में मंगा ली तथा जो पुलिस के अधिकारी और जवान बार-बार अंदर बाहर जा रहे थे वे हमें कहने लगे कि आप पहले एसडीएम से पर्मिशन लेटर लेकर आओ उसके बाद ही आप ज्ञापन देने अंदर जा सकते हैं। इसपर कुशाल भारद्वाज ने कहा कि यह किस कानून में लिखा है कि एक पब्लिक सरवेंट और वह भी एक एक्सियन को 3 पेज का ज्ञापन देने के लिए एसडीएम की पर्मिशन चाहिए होती है। इसके बाद मुझे एसई साहब का फोन आया तो मैंने उन्हें भी इस बारे अवगत करवाया कि एक्सियन बोल रहे हैं कि एसडीएम से लिखित अनुमति पत्र लाये बिना उनके कार्यालय में ज्ञापन देने भी नहीं आ सकते हैं।
कुशाल भारद्वाज ने कहा कि इसके बाद के सारे घटनाक्र की हमने लाइव विडियो भी बनाई तथा नायब तहसीलदार तथा थाना से सहायक निरीक्षक भी मौके पर पहुंचे। कुशाल भारद्वाज ने कहा कि बिना ज्ञापन दिये हम नहीं जाएँगे और हमें जबर्दस्ती रोकने की कोई कोशिश भी न करें। इसके बाद पुलिस के अधिकारियों व अन्य लोगों ने भी एक्सियन को बताया कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि आपसे मिलने के लिए एक जिला परिषद सदस्य और अन्य लोगों को एसडीएम से अनुमति पत्र लाना पड़े। इसके बाद जब एक्सियन की कोई भी टेढ़ी चाल नहीं चल पाई और जब लोग उग्र होने लगे तो तब पुलिस की उपस्थिति में ज्ञापन देने के लिए अंदर बुलाया गया। कुशाल भारद्वाज ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि जोगिंदर नगर जैसे महत्वपूर्ण डिवीज़न में एक ऐसे एक्सियन को बिठाया गया है जिसको बात करने की तमीज नहीं है, जिसको अपने कर्तव्यों की परवाह नहीं है और जो तानाशाहों जैसा व्यवहार करता है। यह और भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक्सियन ने चुपचाप ज्ञापन लिया उसको पढ़ने की जहमत नहीं उठाई और जब हमने बोला कि सर इस बारे कुछ तो बात कर लो तो बोलने लगे कि एसएचओ साहब इनको चुप कराओ। इतना कहते ही वे कार्यालय से भाग गए।
कुशाल भारद्वाज ने कहा की उक्त एक्सियन जोगिंदर नगर में बैठकर प्रदेश के मुख्यमंत्री और पूरी सरकार को बदनाम कर रहे हैं। ये ऐसे व्यवहार करते हैं जैसे ये जोगिंदर नगर के राजा हों और उनकी मर्जी के बिना मण्डल कार्यालय में कदम भी नहीं रख सकता है। ये वही एक्सियन है जिसके के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मुद्दे सत्तापक्ष और विपक्ष के लोगों ने लगाए हैं। ये वही एक्सियन है जो छोटे-छोटे ठेकेदारों से बहुत ही ज्यादा बदतमीजी करता है और ये मेरी भी समझ से परे है कि हर दिन अपने व्यवहार से प्रदेश सरकार की फजीहत करवाने वाला एक्सियन से किस को फायदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी अपील करता हूँ कि ऐसे एक्सियन के खिलाफ तुरंत कार्यवाही की जाये। अफसर सरकार का चेहरा होते हैं और तमाम किस्म की शिकायतों के बावजूद यदि ऐसा ही अफसर इस डिवीज़न में बिठाना है तो सरकार की छवि भी जनता के बीच ऐसी ही बनेगी।
इसके बाद संबन्धित गांवों के लोगों का प्रतिनिधिमंडल कुशाल भारद्वाज के नेतृत्व में एसडीएम से तथा अधीक्षण अभियंता से भी मिला तथा उनको सारी स्थिति से अवगत करवाया। एसडीएम साहब ने आश्वस्त किया कि वे सड़क खुलवाने बारे जल्दी ही कार्यवाही करेंगे। लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता ने भी कहा कि वे खुद इस बारे संज्ञान लेंगे। कुशाल भारद्वाज ने स्पष्ट कर दिया कि यदि एक सप्ताह के अंदर कोई कार्यवाही नहीं हुई तो फिर दोनों पंचायतों के लोग अनिश्चित कालीन धरना शुरू कर देंगे।
