उपमंडल भोरंज विधानसभा क्षेत्र के मनोह से जखयोल जाने वाली सड़क की दुर्दशा ने दर्जनभर गाँवों के लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। दशकों पुरानी इस सड़क की हालत इतनी खस्ता है कि लोगों का गुजर-बसर मुश्किल हो गया है। स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर नौकरीपेशा लोगों तक, हर किसी की दिनचर्या इस टूटी सड़क की भेंट चढ़ गई है।
ग्रामीणों का आरोप है कि बार-बार शिकायतों के बावजूद प्रशासन और संबंधित विभाग ने कान तक नहीं धरे। सड़क पर गहरे-गहरे गड्ढे और जगह-जगह जमा पानी वाहन चालकों के लिए मुसीबत बन गया है। दो पहिया वाहन चालकों को तो विशेष तौर पर अपनी जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है।
*बस सेवा बंद, लोग फंसे*
इस संकट की सबसे बड़ी मार है सार्वजनिक परिवहन का ठप हो जाना। इस इलाके से चलने वाली एकमात्र बस सेवा को सड़क की खराब हालत और ड्राइवरों की सुरक्षा को देखते हुए बंद कर दिया गया है। बस मालिक का कहना है, “अगर सड़क ही सही नहीं है, तो हम अपनी लाखों रुपये की गाड़ी का नुकसान क्यों करवाएँ? प्रशासन को कम से कम रोड़ी डालकर इसे चलने लायक तो बनाना चाहिए।”
*ग्रामीणों की मांग*
ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल राहत की मांग करते हुए कहा है कि माना कि अभी बारिश का मौसम है और पक्की टायरिंग नहीं हो सकती, लेकिन रोड़ी-बजरी डालकर सड़क को ठीक किया जा सकता है। साथ ही, जलभराव की समस्या से निपटने के लिए ऊँची नालियों के निर्माण की जरूरत है।
ग्रामीणों की ओर से लगातार की जा रही गुहार अब तक प्रशासन के कानों तक नहीं पहुँच पाई है। सवाल यह है कि क्या दर्जनों गाँवों के लोगों की पीड़ा सुनने और उनकी मूलभूत सुविधा का इंतजाम करने की जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की नहीं बनती? जनता की आवाज बुलंद है, अब बारी प्रशासनिक कार्रवाई की है।
