पेंशन के मामले में सोई हुई है सरकार!” 8500 सेवानिवृत्त कर्मचारियों का गुजारा मुश्किल, सितंबर का भी इंतजार

हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम के लगभग 8500 सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनकी पेंशन के लिए सरकारी अमले की गहरी नींद के कारण भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सितंबर महीने की 22 तारीख होने के बावजूद, पेंशनरों को इस महीने की पेंशन भी नहीं मिली है, जिससे उनकी वृद्धावस्था की जीवनरेखा टूटती नजर आ रही है।

यह स्थिति तब है जब जुलाई महीने की पेंशन भी विधायक श्री सतपाल सत्ती द्वारा 29 अगस्त को विधानसभा में उठाए गए एक प्रश्न के बाद ही जारी की गई थी। इस तरह के विलंब से सरकार के “व्यवस्था परिवर्तन” के दावों पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

*उपमुख्यमंत्री के वादे और जमीनी हकीकत में फर्क*

माननीय उप मुख्यमंत्री श्री मुकेश अग्निहोत्री ने बार-बार कहा है कि परिवहन पेंशनरों को समय पर पेंशन देना सरकार की जिम्मेदारी है। परन्तु विडंबना यह है कि जो श्री अग्निहोत्री विपक्ष में रहते हुए पेंशनरों के हक की मुखर आवाज़ थे, आज उनके पास ही विभाग की जिम्मेदारी है, तब भी पेंशन जारी करने की ‘याद’ नहीं आ रही है।

*पेंशनरों की चेतावनी, सड़कों पर उतरने की धमकी*

पेंशनरों की ओर से हिमाचल परिवहन सेवा निवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष श्री अजमेर ठाकुर ने सरकार को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि पहली तारीख को नियमित पेंशन सुनिश्चित नहीं की गई, तो पेंशनर सड़कों पर उतरने से भी परहेज नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसी किसी भी स्थिति के लिए पूरी जिम्मेदारी हिमाचल प्रदेश सरकार की होगी।

इन लगातार विलंबों ने सेवानिवृत्त समुदाय में रोष पैदा कर दिया है, जो अपने अधिकारों के लिए अब तक धैर्य से खड़े थे। सवाल यह उठता है कि क्या सरकार वास्तव में अपने वरिष्ठ नागरिकों की चिंता करती है या फिर यह केवल राजनीतिक बयानबाजी तक ही सीमित है।