कांग्रेस ने बिहार में अंतिम मतदाता सूची में भी बड़े पैमाने पर हेराफेरी का खुलासा करते हुए कहा कि मोदी सरकार के इशारे पर चुनाव आयोग ने एसआईआर के जरिए 23 लाख महिला मतदाताओं के नाम काट दिए हैं।
इंदिरा भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने कहा कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के नाम पर मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के इशारों पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। उन्होंने अखबारों में छपे लेखों का हवाला देते हुए कहा कि बिहार की साढ़े तीन करोड़ महिला मतदाताओं में से 6.28 प्रतिशत यानी करीब 23 लाख महिलाओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं।
उन्होंने इस कार्रवाई को संविधान के खिलाफ बताते हुए कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर ने महिलाओं को वोट का अधिकार दिया, भाजपा-आरएसएस ने संविधान पर हमला करते हुए महिलाओं को मतदान के अधिकार से वंचित कर दिया है।
लांबा ने बताया कि यह हेराफेरी पूरे बिहार में नहीं, बल्कि मात्र छह जिलों की 60 विधानसभा सीटों पर केंद्रित थी, जहां 2020 के चुनाव में इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच करीबी मुकाबला था। इनमें गोपालगंज विधानसभा की 1.5 लाख, सारण विधानसभा की 2.24 लाख, बेगूसराय विधानसभा की 1.15 लाख, समस्तीपुर विधानसभा की 2.18 लाख, भोजपुर विधानसभा की 1.41 लाख और पूर्णिया विधानसभा की 1.90 लाख महिला मतदाताओं के नाम काट दिए गए। उन्होंने बताया कि अधिकतर दलित और मुस्लिम महिलाओं के वोट काटे गए हैं, जिनके बारे में खुलकर यह बात सामने आ रही थी कि वे इस बार एनडीए को वोट नहीं देंगी। उन्होंने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में इन 60 सीटों पर करीबी मुकाबला रहा था; इंडिया गठबंधन ने 25 और एनडीए ने 34 सीटें जीती थीं। एक सोची-समझी साजिश के तहत चुनाव परिणामों को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।
अलका लांबा ने सवाल किया कि पिछले लोकसभा चुनाव में इन महिलाओं ने वोट किया था, तो अब उनके वोट को फर्जी क्यों बताया जा रहा है। यदि ये वोट फर्जी हैं, तो भाजपा द्वारा बिहार में जीती गई लोकसभा सीटों के परिणामों को भी रद्द कर देना चाहिए।
लांबा ने कहा कि जदयू-भाजपा सरकार ने 20 साल में महिलाओं को रोजगार, इलाज या बच्चों की पढ़ाई के लिए कोई आर्थिक मदद नहीं की, लेकिन अब चुनाव को प्रभावित करने के लिए महिलाओं के खाते में पैसा डाला जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि जिन 23 लाख महिलाओं के नाम वोटर लिस्ट से काट दिए गए हैं, क्या उन्हें भी यह पैसा दिया जाएगा?
उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को चेतावनी देते हुए कहा कि कांग्रेस वोट चोरी नहीं होने देगी। कांग्रेस की नजर चुनाव आयोग के हर कदम पर है। कांग्रेस पार्टी पूरे देश में वोट चोरी के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चला रही है, जिसके तहत पांच करोड़ हस्ताक्षर जुटाए जाएंगे।
लांबा ने कांग्रेस पार्टी की मांग दोहराई कि चुनावों की घोषणा से पहले मशीन रीडेबल मतदाता सूची (फोटो सहित) सार्वजनिक जांच के लिए उपलब्ध कराई जाए। व्यवस्थित रूप से मतदाता दमन में शामिल अधिकारियों और एजेंट्स पर कानूनी कार्रवाई हो। अंतिम समय पर नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया को तुरंत रोका जाए।
