अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मंडी डॉ मदन कुमार ने बताया कि समर्थ-2025 अभियान के अंतर्गत 17 अक्तूबर से 31 अक्तूबर तक जिलेभर में 72 स्थानों पर आपदा जोखिम न्यूनीकरण से संबंधित जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह अभियान अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर विशेष रूप से प्रारंभ किया गया है। उन्होंने बताया कि इन कार्यक्रमों में नुक्कड़ नाटकों, जनसंवादों और सामुदायिक सहभागिता गतिविधियों के माध्यम से आम जनता को आपदा प्रबंधन, त्वरित प्रतिक्रिया और सहयोग के प्रति प्रेरित किया जाएगा।
डॉ मदन कुमार ने कहा कि यह अभियान सभी उपमंडलों एवं प्रमुख तहसीलों में चलाया जाएगा। प्रत्येक उपमंडल में चार-चार स्थलों पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किए जाएंगे। इन नाटकों के माध्यम से लोगों को आपदा से पूर्व तैयारी, जोखिम में कमी और राहत कार्यों में सामूहिक भूमिका की जानकारी दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि बल्द्वाड़ा, चच्योट, बगसाड़, निहरी, रिवालसर और संधोल तहसीलों में भी ये कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए कुल 18 सांस्कृतिक दलों का चयन किया गया है, जो प्रत्येक निर्धारित स्थल पर दो प्रस्तुतियाँ देंगे पहली प्रातः 11 बजे और दूसरी दोपहर 2 बजे।
डॉ मदन कुमार ने कहा कि यह अभियान सभी उपमंडलों एवं प्रमुख तहसीलों में चलाया जाएगा। प्रत्येक उपमंडल में चार-चार स्थलों पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किए जाएंगे। इन नाटकों के माध्यम से लोगों को आपदा से पूर्व तैयारी, जोखिम में कमी और राहत कार्यों में सामूहिक भूमिका की जानकारी दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि बल्द्वाड़ा, चच्योट, बगसाड़, निहरी, रिवालसर और संधोल तहसीलों में भी ये कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए कुल 18 सांस्कृतिक दलों का चयन किया गया है, जो प्रत्येक निर्धारित स्थल पर दो प्रस्तुतियाँ देंगे पहली प्रातः 11 बजे और दूसरी दोपहर 2 बजे।
बस अड्डों, विद्यालयों और बाजारों में भी होंगी गतिविधियाँ
डॉ मदन कुमार ने कहा कि ये कार्यक्रम केवल सरकारी परिसरों तक सीमित नहीं होंगे। इन्हें जिला के मुख्य स्थलों, बस अड्डों, महाविद्यालयों, विद्यालय परिसरों और प्रमुख बाजार क्षेत्रों में भी आयोजित किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोग इन गतिविधियों से जुड़ सकें।
सामुदायिक भागीदारी से ही संभव प्रभावी आपदा प्रबंधन
एडीएम ने कहा कि समर्थ-2025 अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को तैयार, सजग और सहयोगी बनाना है, ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में समाज समन्वित ढंग से प्रतिक्रिया दे सके। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे अपने क्षेत्र में आयोजित होने वाले इन जागरूकता कार्यक्रमों में सक्रिय भाग लें और दूसरों को भी आपदा सुरक्षा के प्रति प्रेरित करें।
