हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना (चरण–II) के तहत खंड परियोजना प्रबंधक इकाई मंडी द्वारा उप परियोजना पधर के आरंग गांव में आज ओरिएंटेशन और जरूरत के आकलन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान किसानों को परियोजना के उद्देश्यों, नियमों, कार्यप्रणाली तथा उनकी भूमिकाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य यह पता लगाना रहा कि किसानों को किन क्षेत्रों में सुधार या तकनीकी सहायता की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के साथ ही परियोजना के पी.एम.सी. विशेषज्ञ डॉ. पी.एल. शर्मा की उपस्थिति में गेहूं की वैज्ञानिक पद्धति से खेती पर एक प्रदर्शन प्लॉट लगाया गया। उन्होंने किसानों को गेहूं की फसल उगाने की उन्नत विधियों और नई तकनीकों के बारे में जानकारी दी। प्रदर्शन प्लॉट का उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों से परिचित कराना और उन्हें व्यवहारिक अनुभव प्रदान करना रहा।
इस अवसर पर डॉ. राजेश कुमार, खंड परियोजना प्रबंधक, डॉ. हंसराज, कृषि विकास अधिकारी सहित जायका परियोजना के अन्य कर्मचारी भी उपस्थित रहे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 35 किसानों ने भाग लिया।
